ले-ऑफ पर आक्रोशित हुए एटलस के कर्मचारी, विरोध प्रदर्शन

-कंपनी की ओर से सैकड़ों कर्मचारियों को दिया अनिश्चितकाल नोटिस,1000 कर्मियों को मिलेगी आधी, विश्व साइकिल दिवस पर कर्मचारियों पर टूटा कहर

प्रमोद शर्मा@ गाजियाबाद। लॉकडाउन में कंपनी का उत्पादन ना होने से आर्थिक संकट में चल रही भारतीय कंपनी एटलस साइकिल्स (हरियाणा) लिमिटेड विश्व साइकिल दिवस के मौके पर ही बुधवार को बंद हो गई। साहिबाबाद औद्योगिक क्षेत्र साइट- 4 में सन 1989 से कंपनी में साइकिल का उत्पादन हो रहा था। कंपनी प्रबंधन की ओर से नोटिस जारी कर आर्थिक संकट के चलते काम बंद करने की जानकारी कर्मचारियों व कई विभागों को दी। कर्मचारियों से कहा गया है कि वह रोजना गेट पर आकर हाजिरी लगाएं, जिससे वह कंपनी में उत्पादन न होने पर भी वेतन के हकदार रहें। कंपनी के नोटिस से गुस्सा कर्मचारियों ने कंपनी के गेट पर ही प्रदर्शन कर विरोध जताया। सूचना पर पहुंची लिंक रोड पुलिस ने कर्मचारी इक_ा होने पर हल्का बल प्रयोग कर सभी को हटाया। उधर, एटलस साइकिल लिमिटेड इम्प्लॉयज यूनियन ने मामले में श्रम विभाग के प्रमुख्य सचिव और श्रमायुक्त को पत्र भेजकर विरोध जताया है। वहीं, अभी तक कंपनी की तरफ से अधिकारिक बयान नहीं आया है। एटलस साइकिल यूनियन के महासचिव महेश कुमार ने बताया कि साहिबाबाद औद्योगिक क्षेत्र साइट-4 स्थित एटलस साइकिल (हरियाणा) लिमिटेड में परमानेंट और कॉन्ट्रेक्ट बेस पर करीब एक हजार कर्मचारी काम करते हैं। वह भी पिछले 30 वर्षों से कंपनी में तैनात हैं। आरोप है कि कंपनी ने लॉकडाउन लागू होने के बावजूद 1 और 2 जून को सभी कर्मचारियों को कंपनी में काम के लिए बुलाया था। इस दौरान कर्मचारियों ने नियमित रूप से अपना काम पूरा कर रात में घर चले गए। इसके बाद बुधवार को कर्मचारी डयूटी पर कंपनी पहुंचे तो उन्हें गार्डों ने अंदर नहीं घुसने दिया। इस पर कर्मियों ने रोकने का कारण पूछा तो गार्ड ने बैठकी यानी ले-ऑफ लागू कर दी है। इसका नोटिस भी बोर्ड पर चस्पा कर दिया गया है। नोटिस को देखकर कर्मचारियों के होश उड़ गए। उन्होंने कंपनी के प्रबंधकों से इस बारे में वार्ता करने का प्रयास किया। लेकिन किसी की बात नहीं हो सकी। कुछ देर में कर्मचारियों की भीड़ बढ़ती गई। सभी को इस बारे में मालूम हुआ तो उनका गुस्सा भड़क गया। आनन फानन में सभी कंपनी के बाहर ही प्रदर्शन कर गुस्साए जाहिर किया। नारेबाजी सुनकर कंपनी की तरफ से पुलिस बुलाई गई। लिंक रोड थाने की पुलिस ने कर्मचारियों को समझाने का प्रयास किया। काफी देर तक दोनों पक्षों के बीच बात होती रही। आरोप है कि इसी दौरान पुलिस ने कर्मचारियों पर हल्का बल प्रयोग कर वहां से भी को हटा दिया। कर्मचारियों का कहना है कि लॉकडाउन में काम-कारोबार ना चलने से परिवार का गुजर-बसर करने में पहले ही दिक्कत आ रही थी। अब कंपनी की तरफ से बैठकी (ले-ऑफ) लागू करने से हालात और बिगड़ जाएगी। इसको लेकर तमाम कर्मचारी परेशान हैं। कंपनी की तरफ से अचानक ले-ऑफ लागू करने से परेशान कर्मचारियों ने अब मामले की शिकायत श्रम विभाग के प्रमुख सचिव और गाजियाबाद के श्रमायुक्त को पत्र लिखकर की है। संगठन का कहना है कि कंपनी ने बिना किसी पूर्व सूचना से अचानक ले-ऑफ लागू कर बोर्ड पर नोटिस चस्पा कर दिया। साथ ही कर्मचारियों को काम करने से गेट पर ही रोक दिया गया। लिहाजा यह गैर-कानूनी है। चार बिंदुओं ने संगठन ने कंपनी पर गलत तरीके से बैठकी करने व कर्मचारियों को परेशान करने का आरोप लगाया। इसको लेकर यूनियन ने दोनों पक्षों को बुलाकर राहत देने की मांग की है।