अनलॉक वन की शुरूआत होते ही दूषित हुआ वातावरण, बढ गया प्रदूषण

-लॉकडाउन में शहर की आबोहवा थी दुरुस्त

प्रमोद शर्मा@ गाजियाबाद। लॉकडाउन खुलने से पूर्व शहर की आबोहवा जितनी साफ थी। अनलॉक की शुरूआत होते ही वातावरण प्रदूषित होने लगा है। सड़कों पर हजारों की संख्या में वाहन चलने से जगह सड़कों पर जाम लगने लगा है। दिल्ली सीमा,राष्ट्रीय राजमार्ग के अलावा शहर के अंदरूनी रास्तों और चौराहों पर जाम लगने लगा है। वातावरण में प्रदूषण का स्तर इतना बढ़ गया है कि पिछले पंद्रह दिनों सांस लेना मुश्किल हो रहा है। हालत यह रहा कि सोमवार को एक्यूआई अधिकतम 202 तक पहुंच गया जबकि पीएम 2.5 का लेबल 145 क्रास कर गया। जबकि लॉकडाउन के दौरान हवा में प्रदूषण की मात्रा औसत से कम लगातार दो महीने तक बनी हुई थी। मार्च के अंतिम सप्ताह में शुरू हुए लॉकडाउन के दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर यानि एक्यूआई ढ़ाई सौ के आसपास था। लॉकडाउन के दौरान वाहनों के आवागमन बंद होने के बाद एक्यूआई गिरकर 100 से 150 के बीच पहुंच गया। यह स्थिति लॉकडाउन के पहले दूसरे और तीसरे चरण में लगातार बनी रही। इस दौरान एक्यूआई अधिकतम 150 और पीएम 2.5 100 के नीचे बना रहा। लॉकडाउन फोर में कुछ रियायते मिलने के बाद हवा की गुणवत्ता थोड़ी खराब तो हुई लेकिन स्थिति नियंत्रण में बनी हुई थी। जून के प्रथम सप्ताह के से शुरू हुए अनलॉक वन में हर प्रकार के वाहन सड़कों पर उतर आए। इसकी वजह से सड़कों पर जाम की स्थिति उत्पन्न होने लगी। राजमार्ग-9 एवं मरेठ रोड़ पर सुबह शाम भीषण जाम लगने लगा। वहीं दिल्ली बार्डर पर हजारों की संख्या में वाहन सुबह शाम जाम उत्पन्न कर रहे है। हजारों वाहनों से निकलने वाला कार्बन हवा को प्रदूषित करने में लगा हुआ है। अंदरुनी सड़कों पर भी वाहनों की संख्या अचानक इतनी बढ़ गई है। प्रमुख चौराहों पुराने बस अड्डे, नए बस अड्डे, हापुड़ तिराहा, हापुड़ चुंगी, चौधरी मोड़, लालकुआं में जाम लगने लगा है। वाहनों के जाम से जहां जनता को निजात नहीं मिल रही है। वहीं शहर की आबेहवा भी खराब होने लगी है। पिछले पंद्रह दिनों से एक्यूआई का स्तर 200 के उपर बना हुआ है। वहीं पीएम 2.5 डेढ़ सौ से पौने दो सौ के बीच पहुंचकर खतरे का संकेत दे रहा है। सोमवार को एक्यूआई का स्तर 202 तक पहुंच गया और पीएम 2.5 145 तक पहुंच गया। आने वाले दिनों में प्रदूषण का स्तर घटने की उम्मीद कम है।