ऑस्ट्रेलिया ने तीसरे ही दिन 8 विकेट से जीता एडिलेड टेस्ट, सीरीज में बढ़त

ऑस्ट्रेलिया (Australia) के खिलाफ टेस्ट सीरीज में भारतीय टीम (Indian Team) की शुरुआत बेहद खराब अंदाज में हुई है. एडिलेड (Adelaide) में हुए पहले ही टेस्ट मैच में टीम इंडिया (Team India) ने सिर्फ ढाई दिन में ही सरेंडर कर दिया. मैच के तीसरे दिन भारतीय टीम ने 88 साल के अपने इतिहास में सबसे खराब प्रदर्शन किया और पूरी टीम दूसरी पारी में सिर्फ 36 रनों पर सिमट गई. ऑस्ट्रेलिया ने दिन के दूसरे सेशन में सिर्फ 2 विकेट खोकर आसानी से 90 रनों का लक्ष्य हासिल कर लिया. इसके साथ ही ऑस्ट्रेलिया को सीरीज में 1-0 से बढ़त मिल गई. टीम इंडिया की इस हार में खराब बैटिंग के अलावा और भी कुछ बड़े कारण जिम्मेदार रहे.

एडिलेड में डे-नाइट टेस्ट के पहल दो दिन टीम इंडिया का दबदबा रहा.टीम भले ही पहली पारी में बड़ा स्कोर नहीं बना पाई, लेकिन गेंदबाजों ने लाजवाब प्रदर्शन कर ऑस्ट्रेलिया को भी सस्ते में निपटा दिया था. इसके बाद उम्मीद थी कि भारतीय टीम दूसरी पारी में बेहतर बैटिंग के जरिए ऑस्ट्रेलिया के सामने बड़ा लक्ष्य देगी, लेकिन 19 दिसंबर को मैच के तीसरे दिन जो हुआ, उसे भारतीय क्रिकेट के इतिहास में चाहकर भी नहीं भुलाया जा सकेगा.टीम की हार के 5 बड़े कारणों पर डालते हैं एक नजर-खराब ओपनिंग, शॉ-मयंक फेलइस टेस्ट मैच के शुरू होने से पहले सबसे ज्यादा चर्चा इसी मुद्दे पर थी कि मयंक अग्रवाल (Mayank Agarwal) के साथ ओपनिंग कौन करेगा. खराब फॉर्म के बावजूद पृथ्वी शॉ (Prithvi Shaw) को मौका दिया गया, जिस पर सवाल भी उठे. दुर्भाग्य से पृथ्वी शॉ आलोचकों को गलत साबित करने में नाकाम रहे और दोनों पारियों में खराब टेक्नीक के कारण बोल्ड हो गए, जिससे शुरुआत में ही टीम पर दबाव आ गया. शॉ मैच में सिर्फ 4 रन बना सके.दूसरे ओपनर के तौर पर मयंक अग्रवाल भी कुछ असर नहीं डाल पाए. पहली पारी में कुछ देर क्रीज पर टिकने के बाद वह भी पृथ्वी की तरह खराब तकनीक के कारण बोल्ड हो गए, जबकि दूसरी पारी में वह एक बेहतरीन गेंद का शिकार हुआ. मयंक ने दोनों पारियों में कुल 25 रन बनाए.कोहली का रन आउट पड़ा भारीपहली पारी में भारतीय टीम खराब शुरुआत के बाद अच्छी स्थिति में दिख रही थी, क्योंकि कप्तान विराट कोहली (Virat Kohli) क्रीज पर डटे थे और बेहतर बल्लेबाजी कर रहे थे. कोहली ने चेतेश्वर पुजारा और अजिंक्य रहाणे के साथ अच्छी साझेदारियां की और अपना 23वां अर्धशतक भी जमाया. ऐसे में जब टीम बेहतर स्थिति में लग रही थी, तभी अजिंक्य रहाणे की एक गलती से कोहली रन आउट हो गए.कोहली 74 रन बनाकर आउट हुए और अपने शतक से चूके, लेकिन सबसे बड़ा असर टीम की पारी पर पड़ा. कोहली का विकेट गिरते ही टीम लड़खड़ा गई. 188 के स्कोर पर कोहली आउट हुए थे. इसके बाद टीम ने सिर्फ 56 रनों पर ही अपने बचे हुए 6 विकेट गंवा दिए, जिससे टीम पहली पारी में बड़ा स्कोर खड़ा नहीं कर सकी. अगर भारत के पास पहली पारी में 300 से ज्यादा रन होते, तो शायद टीम के पास लीड भी और ज्यादा रहती, जो दूसरी पारी वाले हालात में शायद कुछ मदद देती.