निषाद समाज को बांटने की साजिश रच रही बीजेपी !

 ऐसा प्रतीत होता है कि अब राम राज्य का दंभ भरने वाली भारतीय जनता पार्टी भगवान निषादराज के अनुयायियों को बांटने की साजिश रच रही है। भारतीय जनता पार्टी की सरकार उत्तर प्रदेश में अपने पांच साल पूरे करने को है लेकिन चुनावों से पहले निषाद समाज से जो वायदे किए थे वो आज तक पूरे नहीं कर पायी है। अब निषाद पार्टी के अध्यक्ष डा. संजय कुमार ​निषाद ने भारतीय जनता पार्टी को उसका वायदा याद दिलाया तो भारतीय जनता पार्टी कई दशक बाद एक जुट नजर आ रहे निषाद समाज को तोड़ने की साजिश रचने पर अड़ गई है। बिहार में आज के समय में निषाद समाज के सबसे बड़े नेता मुकेश साहनी जिनकी पाटी है ‘वीआईपी’ भी उत्तरप्रदेश के विधानसभा चुनावों में उतरने की तैयारी कर रही है।

मुकेश साहनी बिहार सरकार में मंत्री हैं और एनडीए का हिस्सा हैं। मुकेश साहनी की पार्टी को बिहार में बीजेपी ने अपने हिस्से से सीटे दी थी और अपने कोटे से मुकेश साहनी को एमएलसी बनाया है। अब भारतीय जनता पार्टी की साजिश की बू यहां से आ रही है कि जब मुकेश सहनी और डा. संजय कुुमार निषाद का एक ही लक्ष्य है निषाद समाज को आरक्षण दिलाना और जो उनकी वर्षों पुरानी मांगें हैं उनकों पूरा करना। अब सवाल यह उठता है कि क्या बिहार में निषाद समाज को आरक्षण मिल गया जो मुकेश साहनी उत्तर प्रदेश के निषादों को आरक्षण दिलाने के लिए उत्तरप्रदेश के विधानसभा चुनावों में उतरने की तैयारी कर रहे हैं। यहां एक बात तो पक्का है जब दोनों पार्टी चुनावों में उतरेंगी तो निषाद समाज का बंटना तय है। अब सोचना यह है कि निषाद समाज को बाटने की साजिश कौन रच रहा है। मुकेश साहनी के उत्तर प्रदेश में चुनाव लड़ने से निषादों की लड़ाई ​कमजोर होगी यह तो पक्की बात है।

निषाद समाज के दो गुटों में बटने से समाज को कुछ हांसिल होने वाला नहीं है। मुकेश सहनी को चाहिए कि वे पहले बिहार में निषाद समाज की लड़ाई को मजबूत करें और पहले बिहार में समाज को आरक्षण दिलाए। अगर बिहार में समाज को ​आरक्षण मिल जाता है तो उससे उत्तर प्रदेश में भी निषादों की लड़ाई मजबूत होगी और आरक्षण की संभावना बढ़ जाएगी। जब निषाद पार्टी और वीआईपी का एक ही लक्ष्या है तो अपने -अपने प्रदेशों में समाज की लड़ाई लड़े। आपस में लड़ाई लड़ने से समाज का भला होने वाला नहीं है। एक तो पहले से ही समाज में इतनी विषमता,अनपढ़ता,गरीबी है कि आजादी के बाद से सभी पार्टियों ने सिर्फ समाज को ठगा है किसी भी पार्टी ने समाज का भला नहीं किया है। समाज के लोगों की रोजी-रोटी पर अन्य लोगों ने कब्जा कर रखा है। अब समाज को आपस में बांटने की साजिश रची जा रही है। निषाद समाज को समझदारी दिखाते हुए एकजुट रहकर साजिश रचने वालों को करारा जवाब देना है और अपना आरक्षण का हक लेना है।

भरत कुमार निषाद (वरिष्ठ पत्रकार)