पाठ्यक्रम शुल्क में वृद्धि न करने की मांग

  • कोरोना संक्रमण को देखते हुए अभाविप ने मुख्यमंत्री से की राहत की मांग

दीपक वर्मा@शामली। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने कोरोना संक्रमण के दौरान छात्रों व उनके अभिभावकों को होने वाली परेशानी को देखते हुए किसी भी कक्षा के पाठ्यक्रम में शुल्क वृद्धि न करने, पाठ्य पुस्तकों के दामों में छूट दिए जाने व छात्र-छात्राओं की तीन माह की फीस माफ किए जाने की मुख्यमंत्री से मांग की है। जानकारी के अनुसार अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने मंगलवार को कलेक्ट्रेट पहुंचकर मुख्यमंत्री को संबोधित एक ज्ञापन डीएम को सौंपा। अभाविप ने कहा कि विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर नवीन प्रवेश हेतु पाठ्यक्रम संबंधी शुल्क का विवरण उपलब्ध कराया जाए, कोरोना जैसी विश्व की महामारी में अनेक अभिभावकों का कारोबार प्रभावित हुआ है, इसलिए अभिभावकों की आर्थिक स्थिति को दृष्टिगत रखते हुए कक्षा व पाठ्यक्रम की शुल्क वृद्धि पर विचार न किया जाए,विभिन्न मदों के शुल्क जैसे खेल, भवन, छात्रसंघ भ्रमण आदि को इस सत्र में माफ किया जाए, कोरोना काल के छात्रावास शुल्क को माफ किया जाए तथा छात्रावासांे को नवीन सत्र हेतु सैनेटाइज कराकर व कोविड-19 से बचाव के निर्देशों का पूर्णतयापालन कराते हुए खोला जाए व शुल्क देने का दबाव न डाला जाए, छात्र-छात्राओं को पाठ्य पुस्तकों के दामों में छूट दी जाए, छात्रवृत्ति व शोधार्थियों की शोधवृत्ति अतिशीघ्र उनके खातों में भेजी जाए जिससे वे आगे की शिक्षा को गति दे सके। सभी पाठ्यक्रमों के शुल्क को मासिक किश्तांे में लिया जाए, स्कूली शिक्षा नर्सरी से 12वीं तक की तीन महीने अप्रैल, मई व जून का शुल्क माफ किया जाए, इसके साथ ही शिक्षण शुल्क के अतिरिक्त सभी प्रकार के शुल्क वसूली पर प्रभावी रोक लगाई जाए। जब शासन द्वारा कोरोना महामारी के दृष्टिगत पाठ्यक्रमों में 30 प्रतिशत कटौती की गयी है तब सभी प्रकार के शुल्क में भी कम से कम 30 प्रतिशत छूट दी जाए। कोरोना महामारी के कारण आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण किसी भी छात्रा को किसी भी विद्यालय व किसी भी पाठ्यक्रम की शिक्षा से वंचित न किया जाए। जब तक विद्यालय न खुले तब तक का ट्रांसपोर्ट शुल्क माफ किया जाए। इस अवसर पर मनीष कालखंडे, अनुज धानिया, मुदित भारद्वाज, यश, तुषार सहित अन्य पदाधिकारी भी मौजूद रहे।