150 लोगों के खिलाफ कार्रवाई कर 10 हजार का लगाया जुर्माना
प्रमोद शर्मा@ गाजियाबाद। जिले में कोरोना संक्रमित मरीजों की लगातार संख्या बढऩे के बाद दिल्ली से सटे यूपी बॉर्डर,यूपी गेट,महाराजपुर-आनंद विहार और नोएडा के बॉर्डर सील किए जाने के बाद अब लोनी बॉर्डर भी सील कर दिया गया। ऐसे में दिल्ली आना-जाना मुश्किल हो गया है। लोनी में आने-जाने के लिए सिर्फ जरूरी काम के लिए इजाजत होगी। इसके अतिरिक्त अन्य किसी को भी बाहर निकलने की इजाजत नहीं है। जिलाधिकारी अजय शंकर पांडेय ने खोड़ा की तरह लोनी में भी बुधवार को सेक्टर स्कीम को लागू कर दिया। रात से लोनी नगर पालिका क्षेत्र पूरी तरह से सील कर गया। आवागमन पर अब पूरी तरह से प्रतिबंध लग गया है। दिल्ली सटे इलाकों को सील कर दिया गया हैं। आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति की व्यवस्था भी डोर स्टेप डिलीवरी से की जा रही हैं। लोनी में 8 सेक्टर और 4 जोन में बांटा गया है। सेक्टर स्कीम लागू होने के बाद बॉर्डर पर आवाजाही रोकी जाने से वाहनों का जाम लग गया। लोनी बॉर्डर सील होने के बाद गाजियाबाद, नोएडा और दिल्ली में रहकर रोजगार के लिए सीमा पार करने वाले लोगों को रोजाना ऐसी समस्या से दो-चार होना पड़ रहा है। केवल उन्हीं गाडिय़ों को सीमा लांघने का अधिकार है जिनके पास जिला प्रशासन से जारी पास होंगे। पुलिस, मेडिकल, बैंक, मीडिया के लोगों को उनके आइकार्ड के आधार पर ही आने जाने दिया जाएगा। ऐसे में गाजियाबाद में रहने वाले उन लोगों का दिल्ली में जाना मुश्किल हो गया हंै। दिल्ली में नौकरी या बिजनेस करने वाले को पिछले 4 दिनों से रोजाना दिल्ली सीमा पर जाते वक्त पहले दिल्ली पुलिस से और आते वक्त यूपी पुलिस का सामना करना पड़ता है। ऐसे में रोजाना आने-जाने में लोगों को दिक्कत हो रही है। अगर ऑफिस समय से नहीं पहुंचे तो ऑफिस में बॉस खिंचाई करते हैं। जाने पर पुलिस वालों से भिड़ंत का खतरा रहता है। ऐसे में इन दिनों बॉर्डर पार करना मुश्किल हो गया है। लोनी बॉर्डर समेत अन्य सीमा पार करना लोगों के लिए अब जंग फतह करने के समान हो गया हैं। लोनी क्षेत्र में आवश्यकतानुसार 13 अतिरिक्त सैक्टर बढ़ाने के जिए जिलाधिकारी ने उपजिलाधिकारी मजिस्ट्रेट लोनी को निर्देश दिए है। जिससे दिल्ली से होने वाले बेवजह आवगमन पर रोक लगाई जा सकें। लोनी क्षेत्र में गुरूवार को सैक्टर स्कीम लागू होने के पहले ही दिन लॉक डाऊन प्रोटोकॉल का उल्लंघन करने वाले 150 लोगों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए 10 हजार रूपए का जुर्माना लगाया गया।