-बीजेपी दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष से की छोटे स्कूलों को बचाने की मांग
IN@8 नई दिल्ली। ‘दिल्ली के करीब 100 छोटे और मंझले स्तर के स्कूल लॉकडाउन और सरकारी नीतियों के चलते बंद होने के कगार पर हैं। अगर इन स्कूलों को नहीं बचाया गया तो लाखों गरीब बच्चे शिक्षा से वंचित और हजारों की संख्या में स्कूली स्टाफ बेरोजगार हो जाएंगे।’ छोटे व मंझले स्तर के प्राइवेट स्कूल्स की समस्याओं को लेकर अफोर्डेबल प्राइवेट स्कूल्स एसोसिएशन (एप्सा) के अध्यक्ष लक्ष्य छाबड़िया ने बुधवार को दिल्ली प्रदेश भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता से मुलाकात की। भाजपा अध्यक्ष ने उन्हें विश्वास दिलाया कि वे इस संबंध में आवश्यक कदम जरूर उठाएंगे।
एप्सा अध्यक्ष लक्ष्य छाबड़िया ने बताया कि उन्होंने बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष को अवगत कराया कि पांचवी और आठवीं कक्षा तक के छोटे और मंझले स्तर तक के प्राइवेट स्कूल कोविड और लॉकडाउन के चलते अभी तक बंद हैं। इन स्कूलों में दिल्ली के लाखों गरीब बच्चे पढ़ते हैं। इन स्कूलों में करीब पांच हजार टीचिंग एवं नॉन टीचिंग स्टाफ कार्यरत है। इनमे से 60 से 70 फीसदी स्कूल किराए की बिल्डिंग में चल रहे थे। सभी स्कूलों पर किराए, कमर्शियल बिजली-पानी बिल और अन्य टैक्सों की तलवार टंगी है। ऐसे में स्कूल नहीं खुलने और फीस नहीं मिलने के चलते कई स्कूल बंद हो गए हैं या होने जा रहे हैं। आदेश गुप्ता ने लक्ष्य छाबड़िया को आश्वासन दिया कि वे इन स्कूल्स के बचाव के लिए हरसंभव प्रयास करेंगे।
अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें: वरुण आर्य, एप्सा-पीआरओ@8130063966.