खनन माफियाओं ने यमुना नदी पर बांधा अस्थायी पुल

नियम-कायदों को दरकिनार कर किया जा रहा खनन
बरसात के मौसम में बढी बाढ की आशंका
संवाददाता@ शामली कैराना। कोर्ट और एनजीटी के सख्त आदेशों के बावजूद खनन माफियाओं के हौंसले बुलंद हैं। यमुना खादर के मामौर में खनन माफियाओं ने तमाम नियम-कायदों को दरकिनार कर यमुना नदी पर अस्थायी पुल बांध दिया है। इतना ही नहीं, प्रतिबंधित मशीनों से जलधारा के बीच से रेत निकालकर यमुना में कुंड बनाए जा रहे हैं, जिसके चलते यमुना की धार भी मोड दी गई है। इससे बरसात के मौसम में बाढ़ की आशंका बढ़ गई है। वहीं, मामौर में युद्धस्तर पर जारी खनन को लेकर प्रशासन की आश्चर्यजनक चुप्पी सवालों के घेरे में हैं।
कैराना के मामौर यमुना खादर क्षेत्र में पांच साल के लिए वैध बालू खनन पट्टा आवंटित है। जहां एनजीटी के आदेशों का पालन और शासन की गाइडलाइन के अनुरूप ही खनन की अनुमति दी गई है। लेकिन, यहां खनन माफियाओं ने तमाम नियम-कायदों को ताक पर रख दिया है। वैध खनन पट्टे की आड़ में युद्धस्तर पर नियम विरूद्ध खनन का कार्य धड़ल्ले से किया जा रहा है। खनन माफियाओं ने यमुना नदी पर अस्थायी पुल बांध दिया है। इसी पुल के सहारे खनन माफियाओं द्वारा प्रतिबंधित पॉर्कलेन मशीनों से यमुना की मुख्य जलधारा के बीच से रेत निकाली जा रही है, जिसके बाद डंफरों, ट्रकों आदि में ओवरलोड रेत भरकर सप्लाई किया जा रहा है। खनन प्वाइंट पर एक दर्जन से अधिक प्रतिबंधित पॉर्कलेन मशीनों से यमुना नदी का सीना छलनी किया जा रहा है, जिससे यमुना में गहरे-गहरे कुंड बना दिए गए हैं। मानकों का भी ख्याल नहीं रखा जा रहा है। यमुना नदी के माध्य बांधे गए अस्थायी पुल से जलधारा भी यूपी की तरफ मोड दी गई है। मानो की खनन माफियाओं को एनजीटी के आदेशों का खौफ और न ही प्रशासन की कार्रवाई का कोई डर है। वैध पट्टे की आड़ में इतने बड़े स्तर पर खनन के कारण बरसात के मौसम में बाढ़ की आशंका और बढ़ गई है, जिसे लेकर निकटवर्ती बाशिंदे डरे-सहमे हुए हैं। बावजूद इसके प्रशासन ने आश्चर्यजनक चुप्पी साध ली है।

पूर्व में भी बांध दिया था पुल
मामौर खनन प्वाइंट पहले से ही चर्चाओं में रहा है। 2019 में भी खनन माफियाओं ने यमुना नदी पर बीचों-बीच सीवर पाइपों से अस्थायी पुल बांध दिया था तथा यमुना की जलधारा को मोडते हुए युद्धस्तर पर खनन किया जा रहा था। उस समय मामला सुर्खियों में आने पर प्रशासन हरकत में आया था, जिसके बाद यमुना से अस्थायी पुल को हटवा दिया गया था।

रात-दिन चल रहा अवैध खनन
यमुना नदी से खनन माफियाओं द्वारा वैध पट्टे की आड़ में रात-दिन अवैध खनन किया जा रहा है। सूत्र बताते हैं कि रात के अंधेरे में खनन माफिया रेत के अधिक वाहनों को निकालते हैं। इतना ही नहीं, नियम स्थान को छोड़कर खनन किया जाता है। यमुना में कई जगहों पर खनन माफियाओं ने रेेत के बड़े ढेर भी लगा रखे हैं। माफियाओं में कानून नाम की कोई चीज नहीं हैं।

आखिर क्यों खामोश हैं प्रशासन ?
खनन अधिकारी के संरक्षण में वैध पट्टे की आड़ में यमुना नदी पर अस्थायी पुल बांधने तथा रात-दिन नियम विरूद्ध खनन करने के मसले पर प्रशासन अभी तक चुप नजर आ रहा है। प्रशासन की यह चुप्पी सवालों के घेरे में हैं। पूर्व में यमुना पर पुल बांधने के बावजूद भी मौके पर जांच करने तक कोई अधिकारी नहीं पहुंच पाया है। आखिर इसके पीछे की वजह क्या है ? प्रशासन क्यों खामोश है ? किस कानून के तहत यमुना पर अस्थायी पुल बांधने की अनुमति दी ? नियम विरूद्ध खनन किया जा रहा है, तो फिर क्यों प्रभावी कार्रवाई नहीं की जाती ? इन सवालों के जवाब नहीं मिल रहे हैं।