निर्माण गतिविधियों में पर्यावरणीय नियमों की अवहेलना करने वालों पर करें कार्रवाई

IN8@गुरुग्राम……नगर निगम की अतिरिक्त आयुक्त जसप्रीत कौर ने शनिवार को अधिकारियों से स्पष्ट कहा कि वे पर्यावरणीय प्रदूषण (नियंत्रण एवं रोकथाम) प्राधिकरण द्वारा लागू किए गए ग्रेडिड रेस्पांस एक्शन प्लान की पालना गंभीरता से सुनिश्चित करवाएं। अगर कोई व्यक्ति प्रदूषण बढ़ाने वाली गतिविधियां करता है, तो उसका चालान करने के अलावा एफआईआर भी दर्ज करवाएं।
ये निर्देश उन्होंने शनिवार को निगम कार्यालय में ग्रैप की पालना सुनिश्चित करने को लेकर आयोजित बैठक में दिए।
जसप्रीत कौर ने कहा कि निर्माण गतिविधियों में पर्यावरणीय नियमों की उल्लंघना करने वालों, कचरे में आग जलाने वालों, बिना ढके निर्माण सामग्री रखने एवं ट्रांसपोर्ट करने वालों, सीएंडडी वेस्ट एवं कचरा डालने वालों सहित प्रदूषण बढ़ाने वाली अन्य गतिविधियां करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें। इसके साथ ही ईपीसीए द्वारा चिन्हित किए गए स्थानों की तुरंत सफाई करवाकर रिपोर्ट भेजें तथा क्षेत्र में लगातार निगरानी बनाए रखें। जिन अधिकारियों को इनफोर्समेंट की जिम्मेदारी दी गई है, वे अपने-अपने क्षेत्र में लगातार गश्त करें तथा विशेष रूप से निर्माण साईटों में पर्यावरणीय नियमों की पालना सुनिश्चित करवाएं।

उन्होंने कहा कि सड़कों की सफाई मैकेनिकल की जा रही है। इसके लिए यह सुनिश्चित किया जाए कि सफाई से पहले पानी का छिड़काव किया जाए, ताकि धूल ना उड़े। उन्होंने कहा कि वाटर स्प्रिंकलर के मध्यम से सड़कों तथा पेड़ों पर लगातार पानी का छिड़काव करवाएं। इससे धूल नहीं उड़ेगी और प्रदूषण के स्तर में कमी आएगी। सड़कों के किनारे निर्माण साम्रगी बेचने वालों से निर्माण सामग्री पर पानी का छिड़काव करवाकर उसे ढकवाना सुनिश्चित करें। इसके बावजूद भी अगर कोई नहीं मानता है, तो निर्माण सामग्री को जब्त करके संबंधित के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज करवाएं।
नियमों की पालना नहीं करने वाले पर की कार्रवाई
नगर निगम के कनिष्ठ अभियंता हरीकिशन ने शनिवार को सेक्टर-27 व 42 का दौरा किया। इन स्थानों से विभिन्न नागरिकों द्वारा शिकायतें प्राप्त हो रही थी कि वहां होने वाली निर्माण गतिविधियों में पर्यावरणीय नियमों की उल्लंघना की जा रही है। शिकायत के आधार पर मौका निरीक्षण करने के दौरान 11 उल्लंघनकर्ताओं पर 2 लाख 60 हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया। इसमें 10 उल्लंघनकर्ताओं का 25-25 हजार रूपए तथा एक उल्लंघनकर्ता का 10 हजार रूपए का चालान शामिल है। नगर निगम की ओर से उल्लंघनकर्ताओं को आगाह किया गया कि वे निर्माण गतिविधियों में पर्यावरणीय नियमों की पालना करें।