फाइनल ईयर के छात्रों की परीक्षा कराने का फैसला छात्र विरोधी

जल्द वापिस ले भाजपा सरकार :कृष्ण अत्री

IN8@फरीदाबाद: वाई आम सी ए एनएसयूआई फरीदाबाद के कार्यकर्ताओं ने फाइनल ईयर के छात्रों की परीक्षा लेने के विरोध में वय आम सी ए यूनिवर्सिटी के गेट पर धरना दिया। इस धरने का नेतृत्व एनएसयूआई हरियाणा के प्रदेश महासचिव कृष्ण अत्री ने किया। इस दौरान कार्यकर्ताओं ने केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल और मनोहरलाल खट्टर के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। एनएसयूआई हरियाणा के प्रदेश महासचिव कृष्ण अत्री ने कहा कोरोना महामारी के प्रकोप को देखने के बावजूद यूजीसी ने फाइनल ईयर के छात्रों की परीक्षा कराने का फैसला लिया है जोकि छात्रों की जान को जोखिम में डालने वाला तुगलकी फरमान है। केंद्र और प्रदेश की भाजपा सरकार बार-बार छात्रों की परीक्षाओं को लेकर अपने फैसले बदलती जा रही है। एनएसयूआई की मांग पर गत 12 जून को नॉन फाइनल ईयर तथा गैर-हरियाणवी फाइनल ईयर के छात्रों को बिना परीक्षा पास किया गया था और फाइनल ईयर, री-अपीयर और डिस्टेंस एजुकेशन के छात्रों को वंचित रख दिया था। ऐसे में एनएसयूआई ने सडक़ से लेकर न्यायालय तक की लड़ाई लड़ी और 23 जून को फाइनल ईयर, री-अपीयर और डिस्टेंस एजुकेशन के छात्रों को भी पास कर दिया गया। लेकिन इस फैसले के बाद केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल की देखरेख में यूजीसी ने आननफानन में 6 जुलाई को फाइनल ईयर के छात्रों की परीक्षा कराने का फैसला लिया है जोकि सरासर छात्रों के समानता के अधिकार का हनन है। वहीं कृष्ण अत्री ने बाकी छात्र संगठनों पर हमला बोलते हुए कहा कि सरकार ने जब हरियाणा एनएसयूआई की मांग पर छात्रों को पास किया था तो वो श्रेय लेने के चक्कर में सबसे पहले खड़े थे लेकिन आज जब सरकार ने फाइनल ईयर के छात्रों की परीक्षा कराने का फैसला लिया है जब वो सरकार के पि_ू छात्र संगठन की तरह सरकार की भाषा बोलते हुए इस फैसले का स्वागत कर रहे है, उन्हें शर्म आनी चाहिए खुद को छात्र संगठन कहते हुए। कृष्ण अत्री ने हरियाणा सरकार को चेतावनी भी दी कि फैसला ना बदले अन्यथा एनएसयूआई का सडक़ से न्यायालय तक का संघर्ष जारी रहेगा। इस मौके पर रूपेश झा, निशांत चंदीला, धर्मेंद्र शर्मा, अमित कुमार, राहुल वर्मा, धीरज शर्मा, साहिल खान, अंश पंडित, सूरज कुमार, निखिल कश्यप, हरीश कुमार, रवि राजपूत, दीपक आदि मौजूद थे।