बीएसएफ जवान की मौत का मामलाः

  • पत्नी ने अधिकारियों पर लगाया पति की हत्या का आरोप
  • शरीर पर मारपीट के निशान देखकर परिजनों में आक्रोश
  • शव का अंतिम संस्कार करने से इंकार, प्रशासन में हडकंप

दीपक वर्मा@ शामली। गांव लांक निवासी बीएसएफ के जवान की मौत के मामले में बीएसएफ में ही तैनात पत्नी ने बीएसएफ के अधिकारियों पर ही पति की बेरहमी से हत्या किए जाने का आरोप लगाते हुए उच्च स्तरीय जांच के साथ-साथ पति को शहीद का दर्जा दिए जाने की भी मांग की है। बुधवार को जैसे ही मृतक जवान का शव गांव लांक पहुंचा तो परिजनों में कोहराम मच गया। परिजनों ने शव का अंतिम संस्कार करने से इंकार कर दिया जिससे प्रशासन में हडकंप मच गया। पुलिस अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर परिजनों को काफी समझाया लेकिन परिजनों ने अंतिम संस्कार से साफ इंकार कर दिया।
कोतवाली क्षेत्र के गांव लांक निवासी विकास कश्यप पश्चिम बंगाल के जनपद नादिया में बीएसएफ में तैनात था जबकि पत्नी पम्पा मेहतो मुर्शिदाबाद नादिया जिले से करीब 120 किमी बीएसएफ में ही तैनात है। तीन दिन पूर्व बीएसएफ के अधिकारियों द्वारा गांव लांक स्थित विकास कश्यप के परिजनों को मौत की सूचना दी गई। जिसमें केवल यह बताया गया कि विकास का शव कैम्पस के पास ही पडा है और उसने आत्महत्या की है। सूचना के साथ ही परिजनों में कोहराम मच गया। पत्नी पम्पा मेहतो से परिजनों ने सम्पर्क किया तो उसने भी विकास की मौत पर आश्चर्य व्यक्त किया और तत्काल ही गांव लांक पहुंच गई। बुधवार को बीएसएफ का एक सिपाही विकास के शव को लेकर गांव लांक पहुंचा। शव को देखकर कोहराम मच गया। विकास के शरीर पर गोली व मारपीट के निशान देखकर परिजनों ने हत्या किए जाने की आशंका व्यक्त करते हुए हंगामा शुरू कर दिया और शव को अंतिम संस्कार करने से भी इंकार कर दिया। पत्नी पम्पा मेहतो का आरोप है कि उसने विकास की मौत के बाद बटालियन 83 के अधिकारियों से मालूमात करनी चाही, लेकिन उन्होने कोई संतोषजनक जवाब नही दिया और न ही शव को देखने की इजाजत दी। अधिकारियों द्वारासुसाईट किया जाना ही बताया, जबकि विकास कश्यप किसी भी हालत में सुसाईड नही कर सकता था। एक प्लाटून कमांडर पर आरोप लगाया कि उसके व उसके साथियों द्वारा विकास कश्यप का सोषण किया जा रहा था। शादी होने से पहले मुझे भी प्लाटून कमांडर द्वारा शादी न करने के लिए दबाव बनाया गया, लेकिन उसके बावजूद दोनों ने शादी कर ली और इसी बात को लेकर प्लाटून कमांडर ने विकास कश्यप की निर्ममता से हत्या कर दी और शव को कैम्पस के बाहर फेंक दिया। सवाल उठाया कि विकास ने 12 से 6 बजे तक डयूटी की, यदि व मानसिक रूप से आत्महत्या किए जाने के लिए मन बना रहा था तो वह डयूटी पर न जाता। पत्नी पम्पा मेहतो ने मांग की कि मामले की उच्च स्तरीय जांच हो। उसके पति का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार हो। उसने अपनी जान का खतरा बताते हुए सुरक्षा मुहैया व ट्रांस्फर किए जाने की मांग की है। फौजी के शव का अंतिम संस्कार न होने की सूचना पर जिलाधिकारी जसजीत कौर व पुलिस अधीक्षक विनीत जायवाल ग्रामीणों के बीच पहुंचे और तय हुआ कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने तक फौजी के शव को सुरक्षित रख लिया जाये। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर ही जिला प्रशासन द्वारा कार्यवाही किए जाने का आश्वासन दिया गया।