महात्मा गांधी को अर्पित की श्रद्धांजलि

IN8@गुरुग्राम …. शहर के विभिन्न क्षेत्रों में सामाजिक संस्थाओं के अलावा राजनैतिक संगठनों द्वारा राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्यतिथि मनाई गई। इसी क्रम में कमान सराय स्थित जिला कांग्रेस कार्यालय में रविवार को महात्मा गांधी स्मृति दिवस मनाया गया, जिसमें कार्यकर्ताओं ने महात्मा गांधी याद कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। कांग्रेस व्यापार सैल के चेयरमैन पंकज डावर ने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के योगदान को देश कभी भुला नहीं सकता। उन्होंने अहिंसा के माध्यम से देश को आजादी दिलाई। भारत को स्वतंत्र देखने के लिए उन्होंने एक नहीं बल्कि अनेकों लड़ाई अंग्रेजों के साथ लड़ी। उन्होंने कहा कि उन्होंने कभी अंग्रेजों की गुलामी को देश पर हावी नहीं होने दिया और हिंसा छोड़ अहिंसा के पथ पर चलते हुए अंग्रेजों को भारत छोडऩे पर मजबूर किया, जिसकी बदौलत हमारा देश 1947 को आजाद हुआ। वहीं दूसरी ओर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुशील भारद्वाज टूलर द्वारा न्यू कालोनी स्थित कार्यालय में उन्होंने अपने सहयोगियों मुकेश सौलंकी, दयाराम, अजय, लीना भारद्वाज, संदीप भारद्वाज आदि के साथ गांधी जी को श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए कहा कि महात्मा गांधी ने सत्य और अहिंसा के बल पर ही हमारे देश को आजादी दिलाई तथा वह हमेशा सत्य और अहिंसा के मार्ग पर ही डटे रहे। सभी को सत्य और अहिंसा के बल पर आगे बढऩा चाहिए।

इसके अतिरिक्त युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता मनीष खटाना, सेवादल के अध्यक्ष कृष्ण सैनी, इंद्र सिंह सैनी आदि ने कहा कि महात्मा गांधी अहिंसा को ही सबसे बड़ा धर्म मानते थे। अहिंसा के बल पर ही उन्होंने कई आंदोलन किए थे, जिसके फलस्वरुप देश आजाद हो सका था। हालांकि स्वतंत्रता सैनानियों का योगदान भी कम नहीं था। वहीं सैक्टर 46 स्थित केआईआईटी वर्ल्ड स्कूल के शिक्षकों व छात्रों ने महात्मा गांधी को श्रद्धासुमन अर्पित किए। स्कूल की प्रिंसीपल नीलिमा कामराह ने कहा कि गांधी जी हमेशा सत्य और अहिंसा का पालन करते थे और उनके इसी मार्गदर्शन के कारण देश को आजादी मिली।

महात्मा गांधी का दर्शन सत्य और अहिंसा पर आधारित है। हिंसा का समाज में कोई स्थान नहीं है। इसके अलावा अधिवक्ता अरुण शर्मा ने कहा कि गांधी जी अहिंसा के पुजारी थे। विदेशों में शिक्षा ग्रहण करने के बाद भी उन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई लड़ी। छुआछूत व समाज में व्याप्त कुरीतियों के खिलाफ आवाज भी उठाई और इनको दूर करने का अभियान भी चलाया। उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि गांधी जी के द्वारा दिखाए गए रास्ते पर चलकर ही देश व समाज का भला हो सकता है।