उत्तरी दिल्ली नगर निगम के शपथ पत्र से न्यायालय असंतुष्ट

  •  कहा न्यायालय को गुमराह करने की कोशिश ।  न्यायालय ने अध्यापको का  वेतन शीघ्र जारी करने के लिए कहा

IN8@ दिल्ली । शिक्षकों और उतरी निगम के कर्मचारियों के वेतन पर आज स्वत संज्ञानयाचिका पर हुई सुनवाई मे अखिल दिल्ली प्राथमिक शिक्षक संघ द्वारा दायर याचिका W.P.C 3833 / 2020 पर सुनवाई करते हुए आज जस्टिस हिमा कोहली ने निगम द्वारा दाखिल शपथ पत्र पर नाराजगी जताई । निगम का कहना था कि वो अपने कर्मचारियों को वेतन वितरण पैसे की उपलब्धता को ध्यान मे रखता हुए पदानुक्रम के अनुसार जारी करती है । सबसे पहले चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियो को उसके बाद अन्य अधिकारियों को उनकी पदानुक्रम के अनुसार । 
परंतु न्यायालय निगम के तर्क से  संतुष्ट नही था । निगम को सिर्फ टीचर्स के लिए अपनी जिम्मेदारी / वेतन का हिस्सा बताते हुए जवाब दायर करने को कहा । न्यायालय ने अध्यापक एवं  पेंशनधारी कर्मचारियों के वेतन के विषय मे विस्तृत जानकारी निगम से मांगी है । इसके लिए  माननीय न्यायालय ने 21 जुलाई कि तिथि निश्चित की है ।
     संघ के अधिवक्ता रंजीत शर्मा जी ने न्यायालय में कहा कि कोर्ट में लगभग एक महीने से केस चलने पर भी शिक्षकों को सिर्फ एक वेतन मिला है । इस जज साहिबा ने अगली सुनवाई पर 21 जुलाई को आदेश करने की बात कही । अखिल दिल्ली प्राथमिक शिक्षक संघ के उत्तरी दिल्ली नगर निगम के अध्यक्ष देवेंद्र माथुर ने बताया कि निगम लगातार माननीय न्यायालय को गुमराह करने का प्रयास कर रहा है । एवं शिक्षकों के वेतन के मुद्दे को अनिश्चित दिशा मे ले जाने का प्रयास कर  रहा है ।
            संघ के महासचिव रामचन्द्र डबास ने बताया कि अभी तक उत्तरी निगम के अध्यापको को सिर्फ  मार्च माह का वेतन मिला है । अप्रैल , मई एवं जून  तीन माह का पैसा भी निगम प्रशाशन को मिल चुका है  परंतु अभी तक अध्यापकों को वेतन नही मिला है । इससे स्पष्ट संदेह पैदा होता है कि निगम प्रशासन ने शिक्षको  को आवंटित धन राशि का पैसा  कमीशन लेकर ठेकेदारो को बाँट दिया है या किसी अन्य  मद मे खर्च कर दिया है  । अत : संघ माननीय उच्च न्यायालय एवं निगम प्रशासन से अनुरोध करता है कि शिक्षको के वेतन का पैसा अन्य मद मे डायवर्ट नहीं किया जाए ।
         संघ के उपमहासचिव गोविंद प्रसाद अरजरिया ने बताया कि वेतन भत्तो को लेकर कमोवेश यही स्थिति दक्षिणी दिल्ली नगर निगम की  भी होने वाली है । अभी तक किसी भी शिक्षक या पेंशनधारी को पेंशन नही मिली है और भविष्य मे इस से भी बदतर स्थिति का सामना करना पड़ सकता है ।
     संघ की  महिला शाखा कि अध्यक्ष सीमा माथुर ने भारत सरकार एवं दिल्ली सरकार से मांग की है कि तीनों निगम को विशेष अनुदान प्रदान  कर वेतन कि इस समस्या का स्थायी हल निकाला जाए ताकि भविष्य मे सभी कर्मचारियों को समय पर वेतन प्रदान किया जा सके । एवं शिक्षकों के वेतन के लिए अलग से सैलरी हैड बनाया जाए ।