कानपुर मुठभेड में मोदीनगर का सिपाही राहुल शहीद

मौत की सूचना से गांव शौक की लहर,2016 में यूपी पुलिस में हुआ था भर्ती

प्रमोद शर्मा@ गाजियाबाद। कानपुर देहात के बिकरू गांव में कुख्यात बदमाश विकास दुबे के साथ पुलिस की हुई मुठभेड़ में सीओ,दो दारोगा समेत शहीद हुए 8 पुलिसकर्मियों में मोदीनगर के रहने वाला सिपाही राहुल कुमार भी शहीद हो गया।

कानपुर एनकाउंडर में शहीद हुए राहुल कुमार की रात पत्नी से हुई बात पर कहा था कि कहीं दबिश में जाना है। राहुल वर्ष-2016 में यूपी पुलिस में भर्ती हुआ था। पहली पोस्टिंग कानपुर में ही हुई थी। राहुल की शादी दिल्ली निवासी दिव्या से करीब डेढ़ साल पहले हुई थी। मोदीनगर की देवेंद्रपुरी कॉलोनी निवासी राहुल कुमार हैं। शहीद हुए राहुल के घर पर शुक्रवार की सुबह एसपी ग्रामीण नीरज कुमार जादौन,सीओ प्रभात कुमार, कोतवाली प्रभारी देवपाल सिंह पुंडीर समेत उसके घर पहुंचे और परिजनों को संात्वना दी।

मोदीनगर पुलिस ने उनके घर पर सूचना दी। सूचना के बाद परिवार में शोक की लहर दौड़ गई। एसपी ग्रामीण नीरज कुमार जादौन ने शहीद सिपाही राहुल के घर पहुंचकर परिवार को सांत्वना दी। परिवार में मौत की सूचना मिलने के बाद कोहराम मचा हुआ है। परिजनों ने बताया कि गत साल ही राहुल की दिल्ली निवासी दिव्या से शादी हुई थी व उनके एक मासूम बच्ची हैं। राहुल के पिता ओमकुमार भी यूपी पुलिस में सब इंस्पेक्टर थे।

रिटायर होने के बाद परिवार समेत मोदीनगर की देवेंद्रपुरी कॉलोनी में निवास करते हैं। इनके तीन पुत्रों में से मंझला पुत्र राहुल था। राहुल का शव लेने के लिए उनके पिता सहित परिवार कानपुर के लिए रवाना हो गए। शहीद हुए राहुल की सूचूना मिलने के बाद से उनके घर पर लोग शोक प्रकट करने जा रहे हैं। शहीद सीओ देवेंद्र मिश्रा मोदीनगर में सीओ के रूप में करीब एक साल तक तैनात रह चुके है। सीओ देवेंद्र मिश्रा इंस्पेक्टर के रूप में कानपुर में कई थानों में तैनात रह चुके थे। इसी कारण उनका परिवार कानपुर में निवास करता था। उनकी इच्छा कानपुर में पोस्टिंग की रहती थी। मोदीनगर से उनका ट्रांसफर कानपुर हुआ था। राहुल के बड़े भाई रवि को शुक्रवार की अल सुबह ही फोन कर बताया कि राहुल अब इस दुनिया में नहीं रहा,तो भाई के पैरों तले जमीन खिसक गई। उसने इसकी जानकारी पत्नी दिव्या व छोटे भाई राकेश को दी। पिता ओमकुमार व मां शीला देवी को उन्होंने बताना उचित नहीं समझा कि वे दोनों फिलहाल काफी समय से बीमार चल रहे है। मूलरूप से प्रदेश के ओरैया जिले के दिव्यापुर थाना क्षेत्र के रूरूकलां गांव निवासी ओमकुमार यूपी पुलिस में दारोगा से रिटायर हैं। वे मोदीनगर में साहबनगर, निवाड़ी रोड,मोदीपोन चौकी प्रभारी रहे थे। मोदीनगर में रहते ही उन्होंने अपना मकान देवेंद्रपुरी में बना लिया था। परिवार में पत्नी शीला देवी, तीन बेटे,एक बेटी नंदिनी है। रवि सबसे बड़े,दूसरे नंबर की नंदिनी व राहुल व राकेश जुड़वां हैं। राकेश निजी कंपनी में कार्यरत है। रवि निजी स्कूल में शिक्षक है, जबकि राहुल 2016 में यूपी पुलिस में भर्ती हुए थे। राहुल के दो माह की बेटी नित्या भी है। 15 जून को राहुल अपने छोटे भाई राकेश की शादी में शामिल होने के लिए मोदीनगर आए थे। हालांकि, तीन दिन में ही वहीं फिर ड्यूटी पर चले गए। रात को उनकी पत्नी दिव्या से भी बात हुई थी और कहा था कि कहीं दबिश में जाना है। वहां से लौटकर बात करेंगे। मगर क्या पता था कि काल बनकर बैठे बदमाश उनको दोबारा से किसी से बात करने का मौका ही नहीं देंगे। कानपुर के लिए उनका भाई रवि अपने पिता के साथ कार से रवाना हो गए। घर में लगातार लोगों की आवाजाही लगी हुई है। राकेश ने बताया कि राहुल शुरू से ही पुलिस में भर्ती होना चाहते थे। उनको यह प्रेरणा पिता से मिली। उन्होंने बताया कि पिता व मां को उनके बीमार होने के चलते अभी तक राहुल के शहीद होने की जानकारी नहीं दी गई है। राहुल के पैर में गोली लगी है, इसलिए उसका बेहतर इलाज कराने के लिए कानपुर चलना है। हालांकि, राहुल के पार्थिव शरीर को मोदीनगर लाने को लेकर संशय बना हुआ था। उनके परिवार के लोग राहुल के पार्थिव शरीर को उनके पैतृक गांव ले जाने बात कह रहे थे। मोदीनगर थाना प्रभारी देवपाल सिंह पुंडीर ने बताया कि राहुल के पार्थिव शरीर को मोदीनगर लाने पर अभी संशय है। मोदीनगर में उनका अंतिम संस्कार होगा तो यहां भी पुलिस अभी तमाम तैयारियां करेगी। वहीं, कानपुर में बदमाशों से मुठभेड़ में शहीद हुए देवेंद्र कुमार मिश्रा मोदीनगर में सीओ रहे। उन्होंने 6 अगस्त 2016 को मोदीनगर में कार्यभार संभाला था। करीब एक साल के कार्यकाल में उन्होंने कई सराहनीय कार्य किए। उनके व्यवहार की लोग प्रशंसा करते नहीं थक रहे हैं। कई गंभीर प्रकरणों में प्रभावी कार्रवाई की थी और पीडि़त को न्याय दिलाने में मदद की।