सरकारी मशीनरी की खामोशी से भयावह हो रहे हालात

  • मीट प्लांट से जहरीली हो रही आबोहवा
  • मकान बिकाऊ के मुद्दे पर प्रशासन ने साधी आश्चर्यजनक चुप्पी

संवाददाता@ कैराना। घनी आबादी के बीच चल रहे मीट प्लांट से आबोहवा दिनोंदिन जहरीली होती जा रही है। दुर्गंध के कारण लोगों को भयंकर बीमारियों ने जकड़ लिया है। कई मौत के आगोश में भी समां चुके हैं। मीट प्लांट से त्रस्त कई परिवार अपने मकानों पर बिकाऊ है लिखवा चुके हैं, लेकिन इस संवेदनशील मुद्दे पर भी प्रशासन की तंद्रा अभी तक नहीं टूटी है। प्रशासन की ओर से मीट प्लांट पर न तो कोई छापेमारी की गई और न ही मकान बेचने की ठान चुके लोगों की समस्या जानी गई। प्रशासन की इसी खामोशी की वजह से हालात भयावह होते नजर आ रहे हैं।
कैराना के कांधला रोड पर घनी आबादी के बीच मीम एग्रो फूड्स प्राइवेट लिमिटेड (मीट प्लांट) में वैसे तो प्रतिदिन 600 पशुओं के वध करने की अनुमति हैं, लेकिन यहां मानकों और तमाम नियम-कायदों को ठेंगा दिखाकर बड़े पैमाने पर पशुओं का वध किया जा रहा है। इसे लेकर कई बार मीट प्लांट पर उंगलियां भी उठती रही है। प्लांट में हड्डी एवं चर्बी भी गलाने का कार्य किया जा रहा है, जिस कारण प्लांट से निकलने वाला धुआं हवा में जहर घोलने का काम कर रहा है। इससे वायु प्रदूषण का ग्राफ बढ़ता जा रहा है। इतना ही नहीं, पशुओं का कटान करने के उपरांत ब्लड को नालियों में बहा दिया जाता है। अवशेष भी इधर-उधर फेंक दिए जाते हैं। इस तरह की शिकायत भी सामने आती रहती है। इन दिनों बदबू का आलम यह है कि मीट प्लांट के आसपास की आबादी वाले इलाके में भी ठीक से लोग सांस नहीं पा रहे हैं। कैंसर, हेपेटाइटिस-सी व अन्य गंभीर बीमारियों ने लोगों को बुरी तरह से जकड़ लिया है। इन बीमारियों के कारण ही कई लोगों की मौत भी हो चुकी है। इससे लिखित में पत्र देकर प्रशासन को भी अवगत कराया गया, लेकिन इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया गया।

जांच का ढिंढोरा, कार्रवाई से किनारा
मीट प्लांट से त्रस्त मोहल्ला दरबारखुर्द रेतावाला के कई परिवारों ने अपने मकानों को बेचने की ठान ली है। बाकायदा उन लोगों ने अपने मकानों पर श्बिकाऊ हैश् तक लिखवा दिया है। इन लोगों का कहना है कि वह मीट प्लांट के खिलाफ शिकायत करके थक चुके हैं, लेकिन कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं हुई। मंगलवार को प्रशासनिक अधिकारियों से श्मकान बिकाऊश् लिखवाने के संबंध में बातचीत की गई थी, तो संज्ञान में नहीं होने की बात कही गई थी। लेकिन, बाद में संज्ञान में आने पर भी अधिकारी इस संवेदनशील मुद्दे को टालते नजर आ रहे हैं, क्योंकि मौके पर कोई टीम नहीं पहुंची हैं। मीट प्लांट पर न कोई कार्रवाई हुई और न ही पीड़ित लोगों की समस्या जानी गई। इस संबंध में जब एसडीएम कैराना उद्भव त्रिपाठी से बातचीत की गई, तो उन्होंने कहा कि वह जांच करा रहे हैं। लेकिन, टीम के अभी मौके पर जाने से इनकार भी किया है।

भाकियू भानु ने मीट प्लांट को बताया कैराना का कलंक
मीट प्लांट के आबादी के बीच संचालन और उससे फैलती दुर्गंध के कारण बीमारियों केे प्रकोप को देखते हुए विभिन्न संगठन भी आवाज उठा रहे हैं। दो दिन पूर्व व्यापार मंडल के पदाधिकारियों ने मीट प्लांट के खिलाफ ज्ञापन सौंपा था, तो वहीं बुधवार को भारतीय किसान यूनियन भानु के जिला युवा उपाध्यक्ष नदीम चैधरी नदीम हसन के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने भी एसडीएम कैराना को दस सूत्रीय ज्ञापन सौंपा हैं। उन्होंने मीट प्लांट को कैराना का कलंक करार दिया है। साथ ही, मीट प्लांट का आबादी में संचालन बंद कराये जाने की मांग की गई है।